डायबिटीज रोगी खाएं इस अनाज की रोटी, शुगर कंट्रोल होने के साथ रहेंगे फिट
सेहतराग टीम
विश्व में तो वैसे कई तरह के रोग हैं लेकिन आज के समय में डायबिटीज के बारे में सबसे ज्यादा सुनने को मिलता है। यह रोग आज के समय में अधिकतर लोगों में हो रहा है। वैसे तो यह सामान्य माना जाता है लेकिन लगातार बढ़ रहे इसके मरीजों को देखते हुए इसपर विचार करने की जरुरत है। वहीं लगभग सभी लोग जानते है कि इसको अपने रहन-सहन और खान-पान पर ध्यान देकर इससे छुटकारा पाया जा सकता है। वहीं हमारे किचन और बाजार में कई ऐसे खाद्य पदार्थ है जो इसे कंट्रोल करने में काफी मददगार होते हैं। फिलहाल जो डायबिटीज के रोगी होते हैं उन्हें डॉक्टर अपनी डाइट में प्रोटीन,फाइबर के साथ कुछ अन्य जरुरी पोषक तत्व शामिल करने की सलाह देते हैं। वहीं कार्ब युक्त, प्रोसेस्ड और चीनीयुक्त खाद्य पदार्थों के सेवन पर लगाम लगानी होती है।
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डायबिटीज की बात आते ही सभी के दिमाग में अपने डाइट को लेकर चिंता होने लगती है। दरअसल डायबिटीज में कई ऐसे खाद्य पदार्थ है जिससे परहेज करना होता हैं। वहीं कई ऐसी चीजें हैं जिनका सेवन डायबिटीज रोगियों के लिए काफी मददगार होता है। उन्हीं में एक है गेहूं की रोटी या चपाती, वैसे गेहूं की रोटी डायबिटीज कंट्रोल रखने में काफी सहायक होती है। लेकिन क्या आपको पता है कि गेहूं की रोटी के अलावा भी कई ऐसे फाइबर युक्त आटे हैं, जिसका प्रयोग डॉक्टर डायबिटीज के रोगियों को करने की सलाह देता है। अगर आप नहीं जानते तो आज हम आपको बताएंगे कि डायबिटीज के समय किन-किन आटों का इस्तेमाल कर सकते हैं।
डायबिटीज रोगियों के लिए 5 फाइबर युक्त आटे-
रागी का आटा
चावल और गेहूं से बेहतर है कि आप रागी के आटे का सेवन करें क्योंकि यह एक फ़ाइबर-रिच आटा है। डायबिटीज रोगियों के लिए रागी के आटे को फायदेमंद माना जाता है क्योंकि यह आपको लंबे समय तक फुलर रखने और पाचन को बढ़ावा देता है। जिससे कि डायबिटीज कंट्रोल में रहती है। आप रागी की कई डिश तैयार कर सकते हैं, जैसे- रागी चपाती, रागी माल्ट, रागी डोसा आदि।
जौ का आटा
जौ का आटा आपके मेटाबॉलिज्म को बढ़ावा देने और क्रोनिक इंफ्लेमेशन से निपटने में मदद करता है। आप जौ का आटा, ओट्स दलिया सा ओट्स खिचड़ी, पराठा और जौ का सत्तू कर सेवन कर सकते हैं।
राजगिरा का आटा
राजगिरा या अमरनाथ का आटा पोषक तत्वों से भरपूर होता है, जिसे डायबिटीज रोगियों के लिए अच्छा माना जाता है। यह आटा हाई प्रोटीन, खनिज, विटामिन, और लिपिड जैसे कई माइक्रो न्यूट्रिएंट्स से भरपूर है। लेकिन इसकी एक खामी है कि राजगिरा आटा एक हाई ग्लाइसेमिक इंडेक्स है और इसलिए इसे लो जीआई गेहूं के साथ शामिल किया जाना चाहिए।
कुट्टू का आटा
कुट्टू का आटा डायबिटीज रोगियों के लिए एक अच्छा विकल्प है। क्योंकि यह ब्लड शुगर लेवल को बनाए रखने के लिए प्रभावी है। एक अध्ययन के अनुसार, बकव्हीट या कुट्टू का आटा खाने से संबंधित ब्लड शुगर के स्तर को 12 से 19 प्रतिशत तक कम कर देता है। इसके अलावा, कुट्टू का आटा आपके हृदय स्वास्थ्य को बेहतर बनाने और वजन घटाने में भी मददगार है। आप इस आटे के पराठे, चीला और पकोड़े तैयार कर खा सकते हैं।
बेसन या चने का आटा
बेसन या चने का आटे में घुलनशील फाइबर होता है और इस प्रकार यह ब्लड शुगर के अवशोषण को धीमा करता है। यही वजह है कि इससे ब्लड शुगर धीरे-धीरे बढ़ता है। चने का आटा लो कार्ब्स, प्रतिरोधी स्टार्च और फाइबर का एक अच्छा स्त्रोत है, जो ब्लड शुगर लेवल को बनाए रखने में मदद करता है।
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